लेखनी प्रतियोगिता -22-Dec-2022
🕊️🦅🛩️ पैग़ाम 🕊️🦅🛩️
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किस को मैं पैगाम भेजू,
कोन पैग़ाम पढ़ेगा ईस व्यस्थतम जिन्दगी में,
आटा-चून-लकड़ी से नहीं हैं फुर्सत उसको,
परिवार कि जिम्मेदारी प्राथमिकता हैं जिसकी।
पैगाम का सपना सपना हो गया जैसे,
कहती हैं सातवा जन्म है,
परिवार कि जिम्मदारी निभा लू,
आप को निभाते निभाते जिन्दगी नीभ गई,
अब तो पर भव सुधारने दो,
पैग़ाम के दिन हवा हुए,
पैगाम के प्रत्युत्तर में तीर से पैग़ाम मिलता हैं,
पैगाम भेज कर गम नहीं लेना।
शादी के बाद पैग़ाम नहीं फरमान लेना जिंदगी हैं।
अब तो विजय कि पैग़ाम कि अभिलाषा फुर्र हो गई।
किस को मैं पैगाम भेजू,
कोन पैग़ाम पढ़ेगा ईस व्यस्थतम जिन्दगी में,
✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर
Gunjan Kamal
23-Dec-2022 05:54 PM
बहुत ही सुन्दर
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Sachin dev
23-Dec-2022 04:46 PM
Amazing
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Punam verma
23-Dec-2022 09:33 AM
Very nice
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